हमारे साथ श्री रघुनाथ तो
किस बात की चिंता
शरण में रख दिया जब माथ तो
किस बात की चिंता
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किया करते हो तुम दिन रात क्यों
बिन बात की चिंता
किया करते हो तुम दिन रात क्यों
बिन बात की चिंता
तेरे स्वामी, तेरे स्वामी, तेरे स्वामी,
तेरे स्वामी को रहती है,
तेरे हर बात की चिंता
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो
किस बात की चिंता
न खाने की, न पीने की, न मरने की, न जीने की x3
रहे हर स्वास, रहे हर स्वास, रहे हर स्वास
रहे हर स्वास में भगवान के,
प्रिय नाम की चिंता
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो
किस बात की चिंता
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो
किस बात की चिंता
विभीषण को अभय वर दे किया
लंकेश पल भर में
विभीषण को अभय वर दे किया
लंकेश पल भर में
विभीषण को अभय वर दे किया
लंकेश पल भर में
उन्ही का हाँ, उन्ही का हाँ, उन्ही का हाँ
उन्ही का हाँ कर रहे गुण गान तो
किस बात की चिंता
उन्ही का हाँ कर रहे गुण गान तो
किस बात की चिंता
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो
किस बात की चिंता
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो
किस बात की चिंता
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