तूने दिया जो प्यार कहीं और ना मिला

1 min read

तूने दिया जो प्यार कहीं और ना मिला

तूने दिया जो प्यार कहीं और ना मिला,
चलता रहे बस सँवारे यु ही ये सिलसिला….

हमको मिले हो सांवरे तुम तो नसीब से,
मेरे दुखो को देखा है तुमने करीब से,
छाई घटाए पर मेरा सूरज नहीं ढला,
चलता रहे बस सांवरे यु ही ये सिलसिला,
तूने दिया जो प्यार कहीं और ना ….

अपनों में ढूंढा था तुझे गेरो में तू मिला,
आई बहार पर मुझे पतझड़ में तू मिला,
हारे को क्यों हो थामते अब ये पता चला,
चलता रहे बस सांवरे यु ही ये सिलसिला,
तूने दिया जो प्यार कहीं और ना मिला….

डूबी है कश्तिया कई जो थी किनारो पे,
मझधार से निकल गया तेरे इशारो से,
इस ‘श्याम’ का किया प्रभु बस तूने ये भला,
चलता रहे बस सांवरे यु ही ये सिलसिला,
तूने दिया जो प्यार कहीं और ना….

Read More: महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् – अयि गिरिनन्दिनि

Read More: जय वृहस्पति देवा आरती

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours