जुलम कर डारयो सितम कर डारयो
जुलम कर डारयो सितम कर डारयो,
काले ने कर दियो लाल, जुलम कर डारयो….
राधा आई, सखिया आयीं, लेकर रंग गुलाल,
काले रे काले कान्हा ने, कैसो कर दियो लाल
आयो नज़र मोहन मतवारो, राधा जी करयो इशारो,
रे नैना सुं करयो कमाल,….
सब घेर लियो ब्रज नारी, नखरारी कामनगारी,
के चली गजब की चाल,….
काजल टिकी नथ ल्याई, अंगिया साडी पहनाई,
मुखडे पे मल्यो गुलाल,….
लियो पकड़ बिहारी कसके, रंग दियो खुब हँस हँस के,
बोली फ़िर आइयो नंदलाल, जुलम कर डारयो….
+ There are no comments
Add yours