हर दिन, गंगा नदी के तट पर स्थित तीन पवित्र शहर-हरिद्वार, ऋषिकेश और वाराणसी-भव्य समारोह का आयोजन करते हैं जिसे गंगा आरती के नाम से जाना जाता है। (गंगा माता की आरती- Ganga Mata Ki Aarti In Hindi)
हर दिन, आरती वाराणसी के दशाश्वमेध घाट, ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन आश्रम और हरिद्वार में हरि-की-पौड़ी घाट पर पवित्र गंगा के तट पर आयोजित की जाती है। यह घाटों की एक प्रमुख विशेषता है, जो बड़ी संख्या में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करती है।
मां गंगा की भक्ति सबसे महत्वपूर्ण हिंदू संस्कारों में से एक है। हजारों श्रद्धालु हर शाम हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा के तट पर “गंगा आरती” देखने के लिए एकत्र होते हैं, जो इस नदी की महानता का सम्मान करता है।
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गंगा माता की आरती- Ganga Mata Ki Aarti In Hindi
ॐ जय गंगे माता
मैया जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता
मनवांछित फल पाता ॥
ॐ जय गंगे माता ।
चंद्र सी ज्योति तुम्हारी
जल निर्मल आता ।
शरण पड़े जो तेरी
सो नर तर जाता ॥
ॐ जय गंगे माता ।
पुत्र सगर के तारे
सब जग को ज्ञाता ।
कृपा दृष्टि हो तुम्हारी
त्रिभुवन सुख दाता ॥
ॐ जय गंगे माता ।
एक ही बार जो तेरी
शरण गति आता ।
यम की त्रास मिटाकर
परमगति पाता ॥
ॐ जय गंगे माता ।
आरति मातु तुम्हारी
जो नर नित गाता ।
दास वही सहज में
मुक्ति को पाता ॥
ॐ जय गंगे माता
मैया जय गंगे माता ।
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